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ख़्वाब

रात के अँधेरे में जो ख़्वाबों को हकीकत बनाते हैं,

वो सुबह के उजालों में अकेले ही खड़े नज़र आते हैं,

और जो जागती हुई आँखों में अपने ख्वाब सजाते हैं,

वो दुनियाँ की भीड़ में अलग ही नज़र आते हैं॥

राही (अनजाना)

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