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ज़मीर

यार दफन करना मुझे
आग तोह तेरे पास भी नहीं
होता तोह आज यह नौबत ना आती

यार फूलों से सजाना नहीं
कुछ तोह अपने पास रख देना
कुचलने पढ़ अपने मरहम पढ़ ओढ़ लेना

यार रोना नहीं मेरे मौत पढ़
खुश तोह अपने मौत पढ़ भी हुए थे
सपनो के लिए खुद को कुचल के जिये थे
आज सोचों तोह सपने सारे हासिल हो गए
पढ़ खुशि कहीं बेसुध सी खड़ी हैं

यार दफन करना मुझे
आग तोह तेरे पास भी नहीं
होता तोह आज यह नौबत ना आती

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