ज़मीर

यार दफन करना मुझे
आग तोह तेरे पास भी नहीं
होता तोह आज यह नौबत ना आती

यार फूलों से सजाना नहीं
कुछ तोह अपने पास रख देना
कुचलने पढ़ अपने मरहम पढ़ ओढ़ लेना

यार रोना नहीं मेरे मौत पढ़
खुश तोह अपने मौत पढ़ भी हुए थे
सपनो के लिए खुद को कुचल के जिये थे
आज सोचों तोह सपने सारे हासिल हो गए
पढ़ खुशि कहीं बेसुध सी खड़ी हैं

यार दफन करना मुझे
आग तोह तेरे पास भी नहीं
होता तोह आज यह नौबत ना आती

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close