चल रही है ठंडी हवाएं ,आँखों से बादल बरसेगा
रात के आगोश में . मेरा मेहताब पिघलेगा
मुद्दतों बाद फेंका है एक नजर का टुकड़ा उसने
पतझड़ के मौसम में भी , अब तो गुलशन महकेगा
@पंकज गर्ग
चल रही है ठंडी हवाएं ,आँखों से बादल बरसेगा
रात के आगोश में . मेरा मेहताब पिघलेगा
मुद्दतों बाद फेंका है एक नजर का टुकड़ा उसने
पतझड़ के मौसम में भी , अब तो गुलशन महकेगा
@पंकज गर्ग