Site icon Saavan

2 मुक्तक

1- तुम आये तो बिना पिये ही

बेहोशी का अहसास करते है ,

वर्ना तो मयखाने कि सारी मय पीकर भी

होश बाकी था हमको I

 

2-पीते तब भी थे , पीते अब भी है ,

फर्क फकत इतना है साकी –

कि तब तेरे साथ बैठ कर पीते थे,

अब तेरी याद में पिया करते है I

 

Exit mobile version