2 मुक्तक
1- तुम आये तो बिना पिये ही
बेहोशी का अहसास करते है ,
वर्ना तो मयखाने कि सारी मय पीकर भी
होश बाकी था हमको I
2-पीते तब भी थे , पीते अब भी है ,
फर्क फकत इतना है साकी –
कि तब तेरे साथ बैठ कर पीते थे,
अब तेरी याद में पिया करते है I
1- तुम आये तो बिना पिये ही
बेहोशी का अहसास करते है ,
वर्ना तो मयखाने कि सारी मय पीकर भी
होश बाकी था हमको I
2-पीते तब भी थे , पीते अब भी है ,
फर्क फकत इतना है साकी –
कि तब तेरे साथ बैठ कर पीते थे,
अब तेरी याद में पिया करते है I
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