कर के दरकिनार फासलों को तू बढ़ता जा
तू चढ़ता जा सीढियां वो तमाम
जो हर पल गोल घूम जातीं हैं सताती हैं पर
बताती हैं कि बढ़ना ही जिंदगी है चढ़ना ही जिंदगी है
कर के दरकिनार फासलों को तू बढ़ता जा
तू चढ़ता जा सीढियां वो तमाम
जो हर पल गोल घूम जातीं हैं सताती हैं पर
बताती हैं कि बढ़ना ही जिंदगी है चढ़ना ही जिंदगी है