Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कोई चांद बुझाना
हम जमाने से हैं तंग तंग हमसे जमाना अंधेरा ओढ़ती हूं कोई चांद बुझाना। पैरों के नीचे की जमीं भी छीन ली सबने लटकी हूं…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
ख़ुदा बंदे से
यह ज़िंदगी दी है तुझे, कुछ कर आने के लिए मेरी इस दुनीया को, कुछ और सजाने के लिए यह ज़िंदगी दी है तुझे, जीने…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Nice!!?
शुक्रिया
nice one
Nice