Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
तुमसे मिलने की तमन्ना।
तुमसे मिलने की तमन्ना अब भी लगा बैठा हूँ,, सुबह से शाम तुम्हारी गलीयो मे चक्कर लगा –लगा कर दिल को समझा रहा हूँ, तुमसे…
स्वच्छ भारत अभियान
खुले में शौच से मुक्ति का दावा, बिलकुल निराधार घोषित करने से, कार्ययोजना लेती कहाँ आकार ।। स्वच्छ भारत अभियान का सच बताता ग्रामीण सङको…
मुक्तक
कभी तो तेरे लब पर मेरा नाम आएगा! कभी तो मेरी चाहत का पैगाम आएगा! खींच लेगी तुमको कभी यादों की खूशबू, कभी तो तेरी…
ठेके का रिक्शा खींच दिन भर
आ बैठ जा मैं गीत लिख दूँ आज तुझ पर है उपेक्षित तू सदा से ठण्ड की रातों में सोता है खुली ठंडी सड़क पर।…
Good