Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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(लेख) नारी
आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह…
नारी सब पर भारी
सत्य है नारी, सब पर है भारी। अब मलेरिया को ही देख लो, नर एनाफिलीज की, नहीं है औकात। ये तो है मादा एनाफिलीज की…
नारी ही नारी के काम नहीं आती
सखि बनती नहीं क्यूं दुश्मन बन जाती है क्या बताऊं नारी ही नारी के काम नहीं आती। अपनी बात को मनवाने के लिए कितने झूठ…
अटल अविचल धर पग बढ़ नारी
अटल अविचल धर पग बढ़ नारी जीवन मे नव इतिहास गढ़ नारी नारी है तू यह सोच न कमतर कम॔ कर तू अभिनव हटकर तुझसे…
हास्य कविता :-” यदि होती हमारी अपनी नारी”
यदि होती हमारी अपनी नारी तो क्या दुर्दशा होती हमारी देखती ये दुनिया सारी उसके कारण चढ जाती इतनी उधारी जिसे चुकाने में बिक जाती…
nice
Waah
वाह बहुत सुंदर
Good