अरे, ओ जिन्दगी से निऱाश आदमी सुनो।
अरे ,ओ जिन्दगी से निऱाश आदमी सुनो—
सड़क पर भटकते हो क़्यो सुनो।
कुछ तो कर्म करो—–
अपने स्थिति को देखो कुछ तो शर्म करो।।
कब –तक कोसते रहोगे,अपने भाग्य को, अंधकार से निकलने का कुछ तो कर्म को करो ।
अपने आप को समझों कुछ तो प्रयत्न करो,
अपने आप को समझो,उठाओ कदम मत रूकना जब तक ना मिले सफलता।
देखना मिट्टी भी हो जाएगी सोना !!!
laazbaab
Thank you
बेहतरीन
Nice