Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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कविता :आओ जियें जिन्दगी ,बन्दगी के लिए
पता नहीं किस बात पर इतराता है आदमी कब समझेगा अर्थ ढाई आखर का आदमी भूल बैठा है आज वो निज कर्तव्य को खून क्यों…
चलता जा रहा है सुबह शाम आदमी
कहीं खो गया है आभासी दुनिया में आदमी झुंठलाने लगा है अपनी वास्तविकता को आदमी परहित को भूलकर स्वहित में लगा है आदमी मीठा बोलकर…
आदमी का आदमी होना बड़ा दुश्वार है
सत्य का पालन करना श्रेयकर है। घमंडी होना, गुस्सा करना, दूसरे को नीचा दिखाना , ईर्ष्या करना आदि को निंदनीय माना गया है। जबकि चापलूसी…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
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