बलिदान

लाल लाल है रक्त उनका लाल लाल मैदान है याद रखना देशवासी जिसने दिया बलिदान है स्वार्थ नहीं था कुछ इनका ना ही कुछ अरमान…

ये धरा

गगनचुम्बी चोटियां , ये नीला अम्बर है, हिमालय नभ मिल हुए, खेत श्याम रंग है, हिमालय का सौंदर्य , अति अनुपम है

ईश्वर

ईश्वर ने किया प्रकृति का श्रृंगार उसने दिया हमें ये अनमोल उपहार -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

हर्ष

ऐ हिमालय ऐ धरा , यूहीं मुस्कुराते रहें न हो क्रंदन स्वर, सभी उर हर्षाते रहें बस छह इतनी , देशहित शहीद होते रहें

हर्ष

ऐ हिमालय ऐ धरा , यूहीं मुस्कुराते रहें न हो क्रंदन स्वर, सभी उर हर्षाते रहें बस छह इतनी , देशहित शहीद होते रहें

सांझ दिवस

सांझ दिवस और रैन में, बीएस तुमको ही पुकारा है सृष्टि के कण कण में, तुमको ही पुकारा है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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