Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
मुक्तक
जबसे ज़िन्दग़ी में आप मिल गये हैं। रास्ते मंज़िल के फ़िर से खिल गये हैं। जागे हुए पल हैं ख़्वाबों के नज़र में- ज़ख्म भी…
मुक्तक
आप जबसे जिन्दगी में मिल गये हैं! रास्ते मंजिल के फिर से खिल गये हैं! जागे हैं ख्वाबों के पल निगाहों में, जख्म भी जिगर…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Waaaah
बेहतरीन रचना