काल खंड में चलना होगा
जीवन के पथ पर आगे बढ़कर,
काल नियंतर परिवर्तित कर,
शून्य वेदना अनुनादित कर,
प्रश्नचिन्ह को परिभाषित कर,
स्वयं रिक्ति को भरना होगा, काल खंड में चलना होगा।
हृदय कंठ स्वर निर्मल करके,
मन कर्म वचन संगठित करके,
निज विरक्ति को दंडित करके,
सर्व कुटुंब को पोषित करके,
स्वयं निरादर सहना होगा, काल खंड में चलना होगा।
Lajawaab kavita
Good