Categories: शेर-ओ-शायरी
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मैं हु एक शराबी शराब जानता हू कुछ नहीं सिवा इसके नाम जानता हू उतर जाती है ये सीनै में सुकून देने कुछ नहीं में…
बिकने दो! शराब अभी इस गाँव में…
बिकने दो! शराब अभी इस गाँव में। अभी भी कुछ बच्चे स्कूल जाते हैं घर आकर क ख ग घ गाते हैं। लेकिन कुछ बच्चे…
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क्या खराबी है कि मियां शराबी है । शराबी की बीबी हूँ इसमें भी नवाबी है।। रोज पकौरे और सलाद दिखते घर में हो आबाद…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
ठंड हो जिस समय जिन्दगी में
कर सकूँ यदि भलाई नहीं, तो बुराई करूँ क्यों भला आपको दे सकूँ यदि नहीं कुछ तो खुटाई करूँ क्यों भला। हो अगर कोई मुश्किल…
Good one
Thanks
Bahut khoob janab
शुक्रिया ज़नाब
Nice
Thanks
Nice
Thanks
वाह बहुत सुंदर
धन्यवाद