चाहता हूँ माँ
तेरे कांधे पे सर रख, रोना चाहता हूं मां। तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां। तू लोरी गाकर, थपकी देकर सुला दे…
तेरे कांधे पे सर रख, रोना चाहता हूं मां। तेरी गोद में सर रख, सोना चाहता हूं मां। तू लोरी गाकर, थपकी देकर सुला दे…
मां तुझ से है मेरी यही इल्तज़ा। तेरी खिदमत में निकले मेरी जां। तेरे कदमों में दुश्मनों का सर होगा, गुस्ताख़ी की उनको देंगे ऐसी…
समस्त देश आज सेना के सम्मान में खड़ा है। पता नहीं तू किस मानसिकता से विरोध में अड़ा है। राजनीति के मौके, और भी आएंगे…
क्या माँ ने कभी विशेष दिन ही ममता लुटाया है। क्या माँ ने मात्र किसी खास दिन ही खिलाया है। क्या पिता ने कोई दिन…
विपक्ष की गंदी राजनीति, हक से बेशक करो। सैन्य बल कि शौर्यता पर, नाहक ना शक करो। जो तुम निशस्त्र वीरों को ज्ञान बाँट रहे।…
कब कोई सिपाही ज़ंग चाहता है। वो भी परिवार का संग चाहता है। पर बात हो वतन के हिफाजत की, न्यौछावर, अंग-प्रत्यंग चाहता है। पहल…
# शहीदों को शत-शत नमन कोई शहादत ज़ाया नहीं जाएगा। दुश्मन कदम पीछे जरूर हटाएगा। ये आज का सुदृढ़ भारत है, तू फिर से मुँह…
बहुत याद आते हैं, वो गुजरे हुए पल। वो तुम्हारे खत का इंतजार। हर पल मिलने को बेकरार। गलियों में घुमना बनकर आवारा, पाने को…
मैं वादा नहीं करता, पर मिलेंगे फिर जरूर। किसी न किसी मोड़ पर, किसी न किसी राहे-आम पर। किसी न किसी मंजिल पर, किसी न…
ये तो साबित हो गया कि, तूने ख़ुदकुशी कि कोशिश की है। पर लगता है शायद किसी ने, तेरे क़त्ल की साज़िश की है। कामयाब…
गिरेबां अपनी जब भी झांकता मैं। हर बार पाता, कहाँ तू और कहाँ मैं। आईना मैं भी देखता हूँ, वाकिफ़ हूँ, और भी बेहतर हैं…
मौके और मिलेंगे घुमने के फिर बेहद। गर आज ना लाँघे अपने घरों की हद। शिकायत थी, परिवार के लिए वक्त नहीं, समय बिताने का…
बाहुबल से सबल रहे, फिर क्यों विफल रहे। केश पकड़ घसीटा गया, भरी सभा मुझे लुटा गया। दुःशासन का दुस्साहस तुम देखते रहे, दुर्योधन का…
धधक रहा है मुल्क, और कुछ आग मेरे सीने में। वफ़ादारी खून में नहीं तो फिर क्या रखा जीने में। वतन परस्ति से बढ़कर, और…
वक्त ने कैसा करवट बदला बेज़ार होकर। तेरे शहर से निकले हैं बेहद लाचार होकर। पराया शहर, मदद के आसार न आते नज़र, भूखमरी करीब…
विलासता से कोसों दूर हूँ। हाँ, मैं मजदूर हूँ। उँची अट्टालिकाएँ आलिशान। भवन या फिर सड़क निर्माण। संसार की समस्त भव्य कृतियाँ, असम्भव बिन मेरे…
मुद्दतें बाद आज गला तर हो गया। मर रहा था, अब बेहतर हो गया।। कल जो खाने की तलाश में, कतार में थे खड़े। आज…
जख़्म गर नासूर बन जाए, उसे पालना बहुत भारी है। ज़िन्दगी बचाने के लिए, अंग काटने में समझदारी है। यह फलसफ़ा असर करता है, हर…
जो इंसानियत की दुश्मन बन जाये, वो जमाअत कैसी। खुदा ने भी लानत भेजी होगी, इबादत की ये बात कैसी। खुद की नहीं ना सही,…
बूँद-बूँद से मैं दरिया बन जाऊँ। तिश्नगी का मैं ज़रिया बन जाऊँ। डूबाने की मंशा बिलकुल नहीं है, ज़िन्दगी का मैं नज़रिया बन जाऊँ। देवेश…
यूं तो भारतवर्ष, कई पर्वों त्योहारों का देश है। भिन्न बोली-भाषाएं, खान-पान, भिन्न परिवेश है। आओ मैं भारत दर्शन कराता हूं। महत्त्व मकर संक्रांति की…
इस भीड़ अपार में, सैकड़ों – हजार में, ढूंढ पाना है मुश्किल हमसफर, छिपा होता है दुश्मन यार में। नहीं होता जहां में कोई अपना,…
मैं उससे प्यार करता हूँ, पर इजहार से डरता हूँ। कभी-कभी मैं सोचता हूँ, मुझसे भी प्यार वो करती होगी शायद। दौड़कर खिड़की पर आना,…
उम्मीदों की नई सुबह नववर्ष की। सुख – समृद्धि और उत्कर्ष की ।। आगे बढ़ते हैं, कड़वे पल भुला कर। छोड़ वो यादें, जो चली…
हवा का झोंका जो तेरी ज़ुल्फे उड़ाता है। तुझे ख़बर नहीं मुझे कितना तड़पाता है।। हाथों से जब तुम ज़ुल्फे संवारती हो, कानों के पीछे…
कोई तो बताये कहाँ है वो, मुद्दत से उनका दीदार ना हुआ। तड़प रहा हूँ मैं दिन-रात, फिर कैसे कहूँ बेकरार ना हुआ।। हमें तो…
गमे-जुदाई किसी से बाँटी नहीं जाती। बगैर तेरे ये रातें अब काटी नहीं जाती। मिटा दो फ़ासले, जो हमारे दरम्यान है, गहरी कितनी खाई, जो…
तेरी दुआओं का असर है, वरना मैं तो मरने वाला था। एक हादसा जो टल गया, सर से जो गुजरने वाला था। जिंदा तो हूं…
ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं, हर कदम मुश्किलों से लड़ना है, तो कभी हँस कर आगे बढ़ना है।। ज़िन्दगी एक जंग से कम नहीं, ख़ुद…
मोहब्बत की कर नज़रे-करम मुझ पर। यूँ ना बरपा बेरुख़ी की सितम मुझ पर। तेरी मोहब्बत के तलबगार हैं सदियों से, अपनी मोहब्बत की कर…
मेरी एहसास तू है। मेरी हर सांस तू है। यहीं है, तू यहीं कहीं है, मेरे आस-पास तू है। मेरी जज़्बात तू है। मेरी कायनात…
वाह रे कुदरत तेरा भी खेल अजीब। मिलाकर जुदा किया कैसा है नसीब। जब सख्त जरूरत होती है तुम्हारी, तब तुम होती नहीं हो, मेरे…
ये कुछ नहीं गंदी राजनीति का किस्सा है। पता ही नहीं वो क्यों भीड़ का हिस्सा हैं। ये जो लोग सड़कों पर उतर आए हैं।…
किसी को देख, ना कर अफ़सोस । यूँ ना अपनी किस्मत को तू कोस । भले ही तन से नहीं हैं हम पास, भले ही…
कहिए हुज़ूर और क्या लीजिएगा। दिल तो ले चुके अब जाँ लीजिएगा। तुम्हें हमसे मोहब्बत है या फिर नहीं, फैसला जो भी लो बजा लीजिएगा।…
विरान सहरा, चढ़ता सूरज, और ये तन्हाई। दूर तक पानी का कोई निशान, देता नहीं दिखाई। शायद ये आखरी सफर है, बस हर पल तेरी…
तीरे-नज़र से दिल जार-जार हुआ। ऐसा एक बार नहीं, बार-बार हुआ। देख उनकी तीरे-निगाहें, ऐसा लगा, कि उन्हें भी हमसे, प्यार-प्यार हुआ। करीब आते, हकीक़त…
फिर आई वो पूस की काली रात। मन है व्याकुल, उठा है झंझावात।। पत्तों से ओस की बूँदें टपकना याद है मुझे। आँखों से आँसूओं…
तालीम और इलाज, तिजारत बन गई है। कठपुतली अमीरों की, सियासत बन गई है। मज़हबी और तहज़ीबी था, कभी मुल्क मेरा, वह गुज़रा ज़माना, अब…
कर गुज़रता कुछ तो, ज़िन्दगी रंगीन हो जाता। जो किया ही नहीं, वो भी ज़ुर्म संगीन हो जाता। मैं क्या हूँ, ये मैं जानता हूँ,…
तेरी अदाएँ, तेरी नज़ाकत मार गई मुझे। तेरी शोख़ियाँ, तेरी शरारत मार गई मुझे। बेशक मोहब्बत है, पर डरता हूँ इज़हार से, मेरी खामोशी, मेरी…
मुद्दतें गुज़र जाती है, ज़िन्दगी के फ़लसफ़े समझते। जब जिंदगी समझ आती, हाथ वक्त ही नहीं बचते। खेल-कूद में बचपन बीता, जवानी मौज़-मस्ती में, फिर…
ज़िन्दगी से आज मेरी, हो गई कुछ अनबन। हमेशा अपनी कहती, कभी मेरी भी तो सून। ना ही दौलत मांगा, ना ही चाही शोहरत कभी,…
रज़ाई ओढ़ जब चैन की नींद हम सोते हैं। ठण्ड की मार सहते, ऐसे भी कुछ होते हैं।। जिनके न घर-बार, ना ठौर-ठिकाना। मुश्किल दो…
मांगी थी चंद लम्हों की मोहब्बत, जो मुझे तुमसे कभी मिला नहीं। चंद लम्हों की ही यह जिंदगी है, जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं।…
देखो उभर कर ज़माने का कैसा चित्र आया है। कल्पना से परे भयावह कैसा विचित्र आया है। गले लगा कर पीठ में खंजर उतार दिया…
रूह काँप जाती थी सोचकर, बगैर तेरे रहना । आज ये आलम है, पड़ रहा गमे-जुदाई सहना । इसे वक्त की मार कहूँ, या मज़बूरी…
तुझे पाकर भी मैं पा न सका। तेरे दिल में जगह बना न सका। सोचता हमारे बीच कोई ना होगा, जहां से अपना प्यार बचा…
ना कोई मुकदमा, ना कोई सुनवाई। ना कोई चीख पुकार, ना कोई दुहाई। तुरंत फैसला और मौके पर ही न्याय, दुष्कर्म के ख्याल से ही…
मोहब्बत को भूला देना, इतना आसान नहीं। फैसला सुना दिया, मैं कोई बेजुबान नहीं। मेरे सीने में भी दिल है, दर्द है, तड़प है, पत्थर…
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