Categories: गीत
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रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना
मन के बहकावे में यदि तु बहकेगा तो तेरा मानव जीवन व्यर्थ चला जायेगा ————————————————— रे! नर मन के बहकाबे में तुम कभी न बहकना…
बचपन
नन्हा ,सलोना सा, प्यारा सा बचपन । मासूम भोला नटखट सा बचपन। वह चंदा का तारों का सूरज का मेला । वह जादुई परियों में…
सुनहरे पल
“मैं ये पल बार -2 लेना चाहती हूं और जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए सभी को “धन्यवाद” कहना चाहती हूं। यह मेरे लिए बहुत मायने…
बोगेनविलिया
वो बोगेनविलिया की बेल रहती थी उपेक्षित, क्योंकि थी समूह से दूर, अलग, अकेली एक तरफ; छज्जे के एक कोने में जब देती थीं सारी…
छब्बीस ग्यारह (मुम्बई) 26/11
सागर के सीने से निकले थे, काल सरीखे नाग। मुम्बई में बरसाने आये थे, जो जहरीली आग ।। रण रिपु छेड़ रहा था लेकिन, हम…
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