Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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लेख:- ब्राण्डेड बुखार
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धन ही जीवन लक्ष्य है,
इतना भी मत सोच,
कमा स्वयं की पूर्ति को
और शांत रख चोंच।
*****कवि सतीश जी का धन और जीवन में सामंजस्य बिठाती बहुत ही उम्दा प्रस्तुति और अति उत्तम अभिव्यक्ति।
बहुत खूब
अतिसुंदर भाव