हिम तरंगिणी
पहाड़ों के अंचल से निकली है हिम तरंगिणी काव्य की सरिता बहाने निकली है हिम तरंगिणी। —- 32 प्रबुद्ध कवियों के साझा काव्य संकलन हिम…
पहाड़ों के अंचल से निकली है हिम तरंगिणी काव्य की सरिता बहाने निकली है हिम तरंगिणी। —- 32 प्रबुद्ध कवियों के साझा काव्य संकलन हिम…
खूबसूरत सांझ शांत होता हुआ शहर का कोलाहल कम होता हुआ वायु में घुल रहा हलाहल, चलो थोड़ी देर, छत पर घूम लें। आप वहां…
किलै खिलना हौला साल भरि में एक्कै बैर गुलाब वन भरि कुइयाँ फुलि रौ घर-घर गुलाब। दिखै बेर चार दिनैकि रंग-बिरंगी चमक, फिर पैंली को…
मित्र मेरे! जिंदगी की, हर ख़ुशी तुझको मिले, तेरी खुशियों से निकल कुछ तार मुझ तक भी जुड़े हैं, ठण्ड से सिकुड़े हुए से, बेरहम…
बूंदें न डालो ठंडी ओ बादल!!! ठिठुर गया तन मेरा। नील गगन ही, छत था मेरा, आज उसे है तुमने घेरा, कुहरा-कुहरा, दिन में अंधेरा,…
स्तब्ध देश नम आंखें हैं लाल खो दिया भारत ने इतने वीर सपूतों को आज खो दिया भारत ने। सबका हृदय द्रवित हो कर देता…
न जाने क्या यह सपना हकीकत है, या हकीकत नहीं सपना ही सपना है। न रोक पाती हैं अन्य कोई सीमाएं, नेह से देख ले…
धन का होना बहुत जरूरी है, धन से ही जिंदगी की भौतिक जरूरतें पूरी होती हैं। वर्तमान दौर में धन पर सम्मान टिका है, धनवान…
गुड़ पिघल गया था मीठा सा जल हुआ, तुमने हमारे हेतु जब की थी जरा दुआ। गुड़ थे हम पिघल गए थे उस प्यार की…
आ रही है दीवाली अंधेरा दूर कर लूँ, तन में वो हो या मन में अंधेरा दूर कर लूँ। जहां तम भरा हो वहां पर…
खूब बरसात हो रही है आहट है सर्दियों की पानी है सब तरफ तर हो गई धरा है। जाने कहाँ से उड़कर आकाश में समुंदर,…
मौन की भाषा में लिखकर आपको जो पंक्ति भेजी, वो समझ पाये नहीं क्या या रहा कुछ और कारण। राह में जो फूल हमने आपके…
क्यों न कही कोई कविता बताओ, क्यों चुप हो ओ! कवि तुम। चारों तरफ है घोर अंधेरा, गाकर कविता कर दो सवेरा। फैल उजाला भीतर…
आओ कविता की रौनक लो दर्द भुला दो, प्यार बढ़ा दो, जीवन के रंग छक लो। भीतर भीतर जो पीड़ा हो, पीड़ा को ढक लो।…
सदा रहेगी सच की जीत हारेगा वह रावण, जिसमें हो अन्याय भरा छल छन्द और घमंड। राम हमेशा लेंगे अवतार करेंगे लीलाएं सच को खूब…
पल में काफी ताकत है उलट-पुलट कर देता है पल, अर्श से फर्श बता देता है, पल में प्रलय करता है पल पल में काफी…
करो प्रयास कुछ ऐसा युवा अब राह पा जायें खड़ा सकंट है रोजी का रोजगार पा जायें। पढ़ाई इस तरह की हो, पड़े मत बैठना…
तसव्वुर में भी हमने आज तक ऐसा नहीं सोचा नकबब्त इस कदर होगी नजर से दूर जाओगे। मगर जाओ भले ही दूर लेकिन हम निराली…
चुप न रहो कुछ बोलो अधर के खोलो पट कुछ बोलो, मौसम तो यह अब भी गरम है, थोड़ा सी बस हवा ही नरम है,…
मत करना वो बात कि जिससे ठेस लगे सचमुच में, प्रेम ही जीवन, प्रेम ही सब कुछ, प्रेम-बोल हो मुख में। वो होते हैं सच्चे…
खेल में धूल से लतपथ हुआ तन हूँ मैं जो हुआ गीला पसीने से वही वसन हूँ मैं। रम रहा छोटी खुशी में इस तरह…
धूम-फिर कर वहीं आ रहा हूँ आईना जिस जगह पर लगा है मासूमियत बहुत दूर है, पर्त क्या है वो जिसने ढका है। स्याह नयनों…
गुप्तगू कर चुके हैं गुमसुम से फिर अदा से बनाया गुलदस्ता बड़े ही प्यार भरे जाहिल हैं, आ गए मन में ऐसे आहिस्ता। इल्म था…
फूल सी खिल जाये मुस्कान चेहरे में तनिक दिखे न थकान। हरे-हरे पौधे, सुमन खिले हैं, तेरे बिना सब नीरस से हैं, छोड़ उदासी, मन…
जाग मन सवेरा हुआ है गायब वो सारा अंधेरा हुआ है, अब भी क्यों आलस ने घेरा हुआ है। जाग मन सवेरा हुआ है। अधिक…
खुशबू बिखर रही है चारों तरफ सुमन के, वह पवन बड़ी है चंचल आती उसे हिला के, भंवरा भी गुनगुनाये ऐसे समीप जाके, जैसे बंधे…
प्यार रहे जीवन में नफरत तनिक रहे नहीं मन में। प्यार ही साँसें, प्यार ही धड़कन प्यार बढ़े जन-जन में। खुशियों से सब उल्लासित हों,…
जन्म भये जब गांधी चली थी सत्य , अहिंसा की आंधी। जगत में नवचेतना सी ला दी। तुम्हें है लाख नमन प्यारे गांधी। तकली-चरखा, वदन…
कुछ कह दो ना बात जिससे सुबह सी लग जाये रात, उजाला बाहर भी भीतर भी। रात लगे नहीं रात। कहो ना कुछ तो कह…
कविता सजी चारों तरफ, श्रृंगार करके हर तरह का। दर्द भी है प्रेम भी है, चाह भी है आह भी। जिंदगी कविता है कविता ही…
देख पथिक जिसके विषाद से मन गीला हो जाता हो जिस पर माया ममता हो जो अपनों जैसा लगता हो, उसे कभी भी दुख न…
आंखों ने जो देखा उस पर विश्वास करूँ या जो तुम कहते हो उस पर ऑंखें बन्द कर विश्वास करूँ। अब ऐसे ही भुला कर…
इस्बात क्या है कि इश्राक हो गया है खियांबा में खुशबू है अहसास हो गया है। गुमसुम मुहब्बत है गिर्दाब चल रहा है ग़मग़ुस्सार है…
हो सके तो गीत मेरे तुम वहां जाओ जहां दर्द में हो मित्र मेरा गुनगुना दो कान में। बोल देना तुम ज़रा साहस रखो, हिम्मत…
दर्द तो है मगर ऐसे नहीं है टूटना और को भी देखना है अब नहीं है टूटना। यदि हमारे हाथ में बात होती, शक्ति होती…
श्रद्धा का श्राद्ध करते हैं पितरों को याद जिन्होंने जन्म दिया, पालन पोषण किया, जो जीवन भर हमारे लिए जूझे उन्हें करते हैं याद, इसीलिए…
आ गई खिड़की से जगाने सुबह वह, जरा सी तपिश सी शीतल भी है वह। बोली कि मैंने सारे जगत में जाना सबको जगाना है…
जिन्हें चाहता हूँ करूँ याद हर पल वही क्यों न जाने नहीं याद रहते। जिन्हें चाहता हूं रहें पास मेरे वही क्यों न जाते खो…
अब शाम में थोड़ा ठंडक सी है, शीतल मधुर यह चंदन सी है। वसन ओढ़ने की जरूरत बनी है, मगर चांदनी से मुहब्बत बनी है।…
बाहर सूरज है चाँद है, सितारे हैं, मगर भीतर स्वयं के देखने को हमें दीपक जलाना पड़ेगा। पवित्रता की बाती स्नेह का दिया, किया तो…
विभासव मत जलाना मन जरा सा ठंड में रहना मेरे मन को लुभाता है। नजर जब लालिमा खोजे उसे तब कालिमा रोके, अजब का यत्न…
पड़े को अफ़्त अदा कर दे जो, निराश के मन आस के भाव भर जो, विषाद के वक्त पर हौसला दे जो, उसे अलीम कहते…
तरु भी नींद में हैं रजनी में पत्ता पत्ता सोया है सुनसान हुआ संसार, बन्द हुआ कोलाहल सारा, सोए सब थक हार। तारे पहरेदारी करते…
यामिनी बीत ही जाती है चाहे कितनी ही गहरी हो चाहे कितनी स्याह भरी हो मगर बीत ही जाती है। सच्चाई को दबा दे कोई…
कुसुम खिलते हो तुम कैसे तुम्हारी पंखुड़ियों में रंग बताओ! भरते हैं कैसे। कौन है ऐसा चित्रकार या कारीगर रंगों का, कौन है इतना भाव…
तुमने राख मली तन में वैरागी जीवन अपनाया ईश रखा मन में। धरम ध्वजा लहराई गाया खूब फिरे जग में। माया-मोह किनारे फेंका राख मली…
सच का हो जायेगा भान अब तुम मत बहना पवमान। जहाँ-तहाँ खुशबू बिखराई पाया फिर अपमान। थोड़ा लाभ हुआ व्यापारी आया है अभिमान। कहाँ फँसाये,…
कुंडी खोलो ना दिल की नई सुबह है खिली सुहानी चिड़िया भी कहती, भजन करो ईश्वर का मन से क्यों जिह्वा सिल दी। दिनकर की…
उठ जा कविता लिख इंसान कुछ तो सृजन कर धरती पर, पत्थर को दे जान, जितना अर्जित करता है तू उसमें से दे दान। और…
अवनि तुम माता हो सबकी तुम जीवन टिक पाया है, तुम पर जीवन हो पाया है, लाखों-अरबों प्राणी तुम पर करते हैं माँ बसेरा। जीवन…
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.