सूर्य की किरणों !

धूप की किरणों से भरी एक सुबह,
खिल उठती है फूलों की फुहार।
मन में उमंगों की लहर लहराती,
गाती है प्रकृति का मधुर संगीत प्यार।

वन के पेड़ों में हंसते फुलों की डाल,
मन को भाती है उनकी सुंदरता निहार।
हरियाली का आच्छादित आँगन,
प्रेम और शांति से भरे आधार।

बादलों की छांव में खेलती बूंदें,
प्रकृति के रंगों में खो जाती ख़ुशियों की बहार।
गीतों की धुन पे नाचता जहां,
भर जाती है दिल की सबकी तारीफ़ करार।

सूर्य की किरणों से सजी हर साँझ,
धरती पर छाती है नयी आशा की उम्मीद सहार।
हिन्दी की मिठास से भरी कविता,
जगमगाती है सबके हृदय में भार।

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