ऐ जिंदगी,
तुम गम की राहों से निकल,
चल जहां गम के साए न हो,
चल वहां जहां खुशियों की जन्नत हो,
बहारे आएंगी और जाएंगी,
जीवन तो सुख और दुख का मेला है,
उसी मेले से तुझे गुजारना है,
गम के दरिया को तू किनारे कर,
खुशियों की दुनिया में तू कदम रख,
औरो के लिए ही नहीं खुद के
लिए भी तू जीना सीख,
ए जिंदगी,
तू गम की राहों से निकल |