ग़ज़ल

तेरी तस्वीर रू ब रू कर ली जब भी जी चाहा गुफ्तगू कर ली हम ने दिल में बसा लिया तुम को अपनी हर सांस…

Ghazal

हिसारे जात से बाहर निकल के देखते हैं चलो खुद का नज़रिया हम बदल के देखते हैं … सफर का शौक है हम को कहीं…

ग़ज़ल

कौन है जिसने ज़ख्मों को सहलाया है चेहरे पर मुस्कान सजाये आया है क्या ग़म है, यह कैसा हाल बनाया है फूल सा हंसमुख चेहरा…

ghazal

कौन है जिसने ज़ख्मों को सहलाया है चेहरे पर मुस्कान सजाये आया है क्या ग़म है, यह कैसा हाल बनाया है फूल सा हंसमुख चेहरा…

ghazal ग़ज़ल

वक़्त के साँचे में ढलना सीख लो गुफ्तगू का शीरीं लहजा सीख लो छोड़ कर तुम आहनी अपनी रविश मोम की सूरत पिघलना सीख लो कायदा पढ़ना नहीं काफी मियां कायदे से बात करना सीख लो शोख लहरों सा मचलना छोड़ कर शांत सागर सा ठहरना सीख लो दोस्तों से प्यार तो करते सभी दुश्मनों से प्यार करना सीख लो            

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