चाहत।

काश। मैं टूटे दिलों को जोड़ पाता आँधियों की राह को मैं मोड़ पाता। पोंछ पाता अश्क जो दृग से बहे वक्त की जो मार…

प्रार्थना।

त्रिविध ताप कर शमित हमारे भोले शंकर। राह कठिन, मंजिल भी धूमिल, पैरों में छाले, उजड़ा दिल। आज हमें दर्शन दे देखूँ तुझको जी भर।…

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