ओ रे कृष्णा

ओ रे कृष्णा काहे सताये मोहे पनघट पर पनिया भरत में काहे छेड़े मोहे मटकी फ़ोड़े राहे रोके निस दिन बरबस ही आके टोके जरा…

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