Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
कृष्ण ने बाँसुरी बजायी, राधा के मन में प्रीत जगी । सारी दुनिया तम में है सोई, राधा रानी प्रेम-मगन है खोई ।। (मग्न) बोलो…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
नटखट, ओ लल्ला मोरे
नटखट, ओ लल्ला मोरे तू काहें मोहे खिझायों। संग सखा तू पुनि-पुनि मटकी पर नज़र लगायो।। सब ग्वालन से मिलकर झटपट माखन खायो। नटखट ओ…
ओ मैया! मोरी
ओ मैया! मोरी पीर बड़ी दुखदायी सब कहें मोहे नटवर-नागर माखनचोर कन्हाई। तेरो लाला बरबस नटखट कब लघि बात छपाई। ओ मैया! तेरो कान्हा माखन…
Nice
वाह बहुत सुंदर