ग़ज़ल

काश! कोई तो रास्ता निकले. मुश्किलों से मेरा गला निकले. जान..छूटेगी.. उसके.. छूने से, जान आये तो मेरी जां निकले. लाख सदियों में तय नहीं…

New Report

Close