कैसे कहे कोई उसको गम नहीं है
कैसे कहे कोई उसको गम नहीं है! जो कुछ मिल गया है उसको कम नहीं है! हरतरफ तुम खोज लो इलाज-ए-मर्ज को, हर दर्द’ का…
कैसे कहे कोई उसको गम नहीं है! जो कुछ मिल गया है उसको कम नहीं है! हरतरफ तुम खोज लो इलाज-ए-मर्ज को, हर दर्द’ का…
क्या करूँ मैं शिकवा इस बेरहम जमाने से! थक़ गया हूँ मैं अब और तुझे मनाने से! मैं बेवसी की चादरों में लिपटा हूँ मगर,…
हर लम्हा तुमसे मैं बात किया करता हूँ! यादों से मैं मुलाकात किया करता हूँ! हर ख्वाब़ बेइंतहाँ जलाते हैं मुझे, खौफ से गुफ्तगूँ’ हर…
तेरे सिवा दिल में कोई उतरता नहीं है! तूफान तेरी चाहत का गुजरता नहीं है! रूठी है मेरी मंजिल रूठी है जिन्दगी, तेरा ख्वाब़ रूठकर…
जिन्दगी जब मेरी खामोशियों में होती है! शाँम-ए-गुजर मेरी मदहोशियों में होती है! आजमाइशों में दिन गुजर जाता है मगऱ, रात तन्हाँ दर्द की सरगोशियों…
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है! वही है चाहत यादों की बरसात वही है! हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से,…
मुझको हरवक्त़ तेरी प्यास रहती है! तेरी आरजू धड़कनों में बहती है! मेरी मंजिल बन गयी है याद तेरी, हर अश्क में तस्वीर तेरी रहती…
प्यास तेरी चाहत की बेशुमार आजकल है! मेरी नजर में हरपल आती तेरी शकल है! खामोश़ हो गया हूँ गम-ए-जुदाई से मगऱ, साँसों’ में तेरी…
तेरी आरजू में मुझे जुदाई ही मिली है! जुदा हालात में मुझे तन्हाई ही मिली है! अब नाकाम हो चुकी हैं मेरी मंजिलें सभी, वफा…
जब किसी को चाहना खता हो जाती है! खुशी ज़िन्दगी से लापता हो जाती है! बेनूर नज़र आती हैं महफिलें सभी, साँस-ए-जिस्म दर्दों की पता…
गम-ए-अंजाम हमें इसकदर डूबोते हैं! हँसते हुए ख्याल के ख्वाब हरपल रोते हैं! चलती है जब ज़िन्दगी दर्द की लकीरों पर, कांपते इरादों को अश्क…
मेरी जिन्दगी तुम्हारी आहट खोज लेती है! कोई कली जिसतरह मुस्कुराहट खोज लेती है! हरतरफ होती हैं दीवारें सन्नाटों की मगर, मयकदों को जाम की…
काश मैंने तुमको पहचाना होता! मेरे नसीब में मेरा मुस्कुराना होता! कभी बेवसी न होती हालात की मुझको, ज़िन्दगी जीने का मुझको बहाना होता! Composed…
मेरे तकदीर मुझे सताया न करो! मेरी ज़िन्दगी को रूलाया न करो! बेवस है मेरी मंजिल अंजाम से, तुम बेरहम बनकर तड़पाया न करो! Composed…
मेरी ज़िन्दगी मुझे ऐसा मुकाम दे दे! हरवक्त़ धड़कनों में सनम का नाम दे दे! मुझको फिकर नहीं है किसी दौर-ए-सितम का, मेरे लबों…
ज़िन्दगी में रिश्ते भी अक्सर आते जाते हैं! चाहो जिसे भी उम्रभर वे लोग भूल जाते हैं! जब हालात के तूफान से गुजरता है कोई,…
लबों पर जब कोई आता है अक्सर! रगों में कोई उतर जाता है अक्सर! उम्र बीत जाती है जिसकी यादों में, गली से तेरी मुकर…
बाद मुद्दत के नजर तुमसे मिल गयी है! रहगुजर साँसों की फिर से खिल गयी है! हरतरफ फैला है ख्वाबों का कारवाँ, रोशनी प्यार की…
तेरी गली से मैं अचानक जो गुजर गया! दर्द तेरा जिगर में एक बार फिर उभर गया! खामोशियाँ में ढल गया हर याद का मंजर,…
मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है! शामों-सहर मुझको तेरी याद रूलाती है! बिखर रही है जिन्दगी दर्द के पायदानों पर, अश्कों में तैरती मुझे मंजिल…
किसी सितम की जब कभी इन्तहाँ होती है! सोती हैं ‘तकदीरें मगर आँख रोती है! वक्त के कदमों तले कुचल जाती हैं मंजिलें, डूबती तमन्नाओं…
आज तुमसे मेरी जो मुलाकात हो गयी! ख्वाहिशों की मेरी फिर बरसात हो गयी! इसकदर मदहोश हूँ ख्यालों में तेरे, मयकदों की जैसे कोई रात…
जब किसी सितम की कभी इन्तहाँ होती है! सोती हैं ‘तकदीरें मगर आँख रोती है! वक्त के कदमों तले कुचल जाती हैं मंजिलें, डूबती तमन्नाओं…
चाहतों के दरमियाँ दर्द की दीवारें हैं! ख्वाहिशों में हरतरफ दौड़ती दरारें हैं! खोजते हैं सब्र को मयखानों में सभी, मयकशी में डूबते ख्वाब के…
वक्त गुजरता है मगर खामोशी नहीं जाती! तेरी #चाहतों की मदहोशी नहीं जाती! किसतरह अब रोकूँ मैं यादों का सिलसिला? धड़कनों से तेरी सरगोशी नहीं…
जी रहा हूँ मैं तेरी यादों को लेकर! दर्द़ बन गया हूँ मैं मुरादों को लेकर! खोजता हूँ हरतरफ़ मंजिलों को अपनी, हालात के भँवर…
मेरी नजर में आप जो आए हुए हैं! ख्वाब़ फिर से आरजू सजाए हुए हैं! नहीं है कोई जाँम न मयकशी’ मेरी, मस्तियों से आज…
मैं कभी-कभी निकलता हूँ जमाने में! शाँम-ए-गुफ्तगूं होती है मयखाने में! #पैमाने थक जाते हैं सब्र से मेरे, वक्त तो लगता है ख्वाब को जलाने…
जो आज है वो कल न होगा! गमों का पल हरपल न होगा! मिलेगी रोशनी कदमों को, दर्द का कोई सकल न होगा! …
मेरा हमसफर जबसे दूर हो गया है! ख्वाब हसरतों का मजबूर हो गया है! घेरती हैं मुझको #तन्हाईयाँ मेरी, आईना उम्मीद का चूर हो गया…
जब भी तेरी यादें पलक खोलती हैं! कश्तियाँ ख्वाब की साँसों में डोलती हैं! लफ्ज़ तोड़ देते हैं खामोशी अपनी, #मंजिलें भी तेरा ही नाम…
मुझे चाहतों का मिल गया ईनाम है! डरा-डरा सा हर ख्वाब का पैगाम है! अरमान कुचल रहे हैं दर्द के कदम से, किसी की याद…
जब लबों से दिल की बात नहीं होती! धड़कनों की कोई रात नहीं होती! कदम फिर रूकते नहीं ख्यालों के, जब किसी से मुलाकात नहीं…
होते ही शाँम मैं किधर जाता हूँ? जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ! होता है खौफ यादों का इसकदर, जाँम की महफिल में नजर…
मत पूछो हालत मेरे हालात की! सहर कब होगी मेरे गम-ए-रात़ की? ना-काफी है गुफ्तगूं अब नजरों से, तड़प जागी है फिर से मुलाकात की!…
मैं तुमको जबसे खुदा मान बैठा हूँ! ज़िन्दगी को दर्द-ए-शुदा मान बैठा हूँ! खोजती हैं महफिलें जमाने की मगर, हर शक्स से खुद को जुदा…
जब किसी की यादें आस-पास होती हैं! शाँम की तन्हाईयाँ कुछ खास होती हैं! कोई ख्वाब देखती हैं निगाह इसतरह, धड़कनें #इरादों की एहसास होती…
हादसे इसकदर कुछ हो गये हैं! गम-ए-हालात से हम खो गये हैं! हसरतें बिखरी हैं रेत की तरह, ख्वाब भी पत्थर से कुछ हो गये…
साँसों की आरजू मचलने दो! रोशनी चाहतों की जलने दो! नज़र में आयी है याद तेरी, सरहदें ख्वाबों की पिघलने दो! हादसे इसकदर…
दीदार-ए-नजर जो हो गयी है! आज कयामत़ सी हो गयी है! हसीन लम्हों में उलझा हूँ मैं, जिन्दगी ख्वाबों में खो गयी है! जी रहा…
बूँद बारिश की यादें ले आयी है! चाहतों की फरियादें ले आयी है! करवटें फिर ले रही है रात मेरी, दिल में तेरी #इरादें ले…
तुम्हारे लब पर नाम मेरा जब आएगा! गुजरा हुआ मंजर तुमको नज़र आएगा! #बिखरे हुए अफसाने घेरेंगे इसतरह, दर्द का समन्दर पलकों में उतर…
ख्वाबों के दरमियाँ सवाल आ गये हैं! नाकामियों के फिर ख्याल आ गये हैं! उठ रहीं हैं लहरें इसकदर यादों की, दर्द बनकर सूरत-ए-मलाल आ…
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