जिन्दगी जब मेरी खामोशियों में होती है

जिन्दगी जब मेरी खामोशियों में होती है! शाँम-ए-गुजर मेरी मदहोशियों में होती है! आजमाइशों में दिन गुजर जाता है मगऱ, रात तन्हाँ दर्द की सरगोशियों…

मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है

मुझको तेरी जुदाई बेइंतहाँ सताती है! शामों-सहर मुझको तेरी याद रूलाती है! बिखर रही है जिन्दगी दर्द के पायदानों पर, अश्कों में तैरती मुझे मंजिल…

चाहतों के दरमियाँ दर्द की दीवारें हैं

चाहतों के दरमियाँ दर्द की दीवारें हैं! ख्वाहिशों में हरतरफ दौड़ती दरारें हैं! खोजते हैं सब्र को मयखानों में सभी, मयकशी में डूबते ख्वाब के…

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