चाहतों के दरमियाँ दर्द की दीवारें हैं

चाहतों के दरमियाँ दर्द की दीवारें हैं!
ख्वाहिशों में हरतरफ दौड़ती दरारें हैं!
खोजते हैं सब्र को मयखानों में सभी,
मयकशी में डूबते ख्वाब के नजारे हैं!

Composed By #महादेव

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