हम उस शख्श से
हम उस शख्श से वफ़ा की उम्मीद कर बैठे जिसने हर पल हमारी बर्बादियों की दुआ मांगी थी
हम उस शख्श से वफ़ा की उम्मीद कर बैठे जिसने हर पल हमारी बर्बादियों की दुआ मांगी थी
हो सके तो फिर कभी लौट कर आना पलकें बिछाये आज भी मुन्तजिर है तेरा।
मत पूछिएगा मुस्कराने का राज दोस्तों हज़ारो गम हमने दिल में दफ़न कर रख्खे है। किसको सुनाएँ हाल ए दिल अपना हर चोट पर हमने…
तुम जब भी कोई मुस्कराती आँखे देखोगे — उनमें मेरा ही साया नज़र आएगा तुम्हारे सामने जब भी कोई आँचल लहराएगा –तुम्हें उसमें मेरा ही…
बन गए तुम कुछ ये मेरी मुहब्बत है मिट गई प्री त ये मेरी किस्मत है
मुझको वेबफ़ा कहने वाले !मेरे दोस्त कभी मेरी मजबूरियों को भी समझा होता।
मूंदकर आँखे जिनपर कभी यकीन किया था उन्ही को पीठ पर खंजर चलाते हुये भी देखा है।
मेरी बदकिस्मती का आलम तो देखिये ! जमीर भी बेचना चाहा तो कोई ख़रीददार न मिला।
मेरे दिल की गहराईओं में है वो कहीं न कहीं ! लाख भूलना चाहूँ उसकी याद आ ही जाती है।
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