जीवन

जीवन जीने की कला सीख लो जग से सब कुछ मिल जाएगा यहाँ बिना किसी मौल के अपना बनाना है तो सरल ह्रदय बन लोगों…

इंसान

यूँ तो चला है चाँद पर घर बसाने के लिए पर ढंग से धरती पर जी पाया है क्या आदमी ज्ञानी ,ध्यानी दानी और संस्कारी…

जान

फूलों से कोमल मासूम सी जान क्यों कर चुभती है उन्हें जो न आने देना चाहते है कभी जमीं पर . डा .जी .एल.जयपाल

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