जान

फूलों से कोमल
मासूम सी जान
क्यों कर
चुभती है उन्हें
जो
न आने देना चाहते है
कभी जमीं पर .
डा .जी .एल.जयपाल

Related Articles

चुभन

नज़रो में हो कंकड़ तो, रानाई चुभती है.. भरी बज़्म में चस्पा तन्हाई चुभती है.. जिस रिन्द को मयस्सर हो बस कफ़स की फर्श.. उसकी…

ऐसा क्यों है

चारो दिशाओं में छाया इतना कुहा सा क्यों है यहाँ जर्रे जर्रे में बिखरा इतना धुआँ सा क्यों है शहर के चप्पे चप्पे पर तैनात…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close