चांद सा मुखड़ा है तेरा,
समंदर से गहरी है आंखें तेरी,
जुल्फें हैं घनेरी तेरी
जो बिखर जाए तो
दिन में रात हो जाए,
चाल है मतवाली तेरी
जिस पर किसी का भी
दिल फिसल जाए,
क्या नूर पाया है तूने,
कयामत हो तुम बस कयामत हो,
ऊपर वाले ने फुर्सत से बनाया है तुझे,
क्या कमाल हो तुम बस कमाल हो,
तुझ पर मेरा दिल आया है,
बस इतनी सी गुजारिश है मेरी,
कुबूल कर लो इबादत मेरी |