दिल चाहता है,
ऊरू बादलों संग,
चलूं हवाओं के संग,
भूल के अपने सारे गम,
ऊरू मै गगन में चिड़ियों के संग,
करूं मैं बातें उनसे पल भर,
सुख और दुख है जिंदगी के पल,
क्यों न खुल के जिए कुछ पल,
तोड लू नाते मैं गम से अपने,
जोड लू मै खुशियों के पल,
खुशियां ही खुशियां
हो दामन में मेरे,
बस जी लूं मैं पल भर |