जिनके अल्फाज़ आईने के तरह साफ होते हैं,
जमाने की हवा उनके खिलाफ होते हैं।
औरों के काम को वहीं आग का नाम देते,
जिनके आवाजों में अक्सर उबलते भाप होते हैं।
जंगल का नाग हो तो रास्ता बदल लू,
वो कितना बचें जिनके घर विषैले सांप होते हैं।
जमाने से सच बोलने के लिए कसमें वहीं उठवाते,
जो अपने एक झूठ पर कई झूठ का हिजाब देते हैं