कहानी
जो रक्त न दे सको, तो यह जवानी दे दो…
और वह भी तुमको प्यारी हो, तो ज़ुबान ही दे दो…
दलदल मैं फसा यह देश,
है सहारे की ज़रुरत,
ज़रा हाथ लगा कर नवयुग को,
प्रेरित करती कहानी दे दो…।
– पीयूष निर्वाण
कहानी
जो रक्त न दे सको, तो यह जवानी दे दो…
और वह भी तुमको प्यारी हो, तो ज़ुबान ही दे दो…
दलदल मैं फसा यह देश,
है सहारे की ज़रुरत,
ज़रा हाथ लगा कर नवयुग को,
प्रेरित करती कहानी दे दो…।
– पीयूष निर्वाण