Anupam Mishra
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Rishi Kumar - "कविता- माखन ———————— नटखट लाला नयनो के तारा, छोड़ दे तू सब काम निराला| मैं सह लूंगी बात तुम्हारी, आए शिकायत रोज तुम्हारी| सुन सुन के मै हार गयी हू, गगरी फोरा सब की सारी, […]"View
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