राजनीति

September 28, 2019 in मुक्तक

सह आंखो से देखे तो पड़ जाता है पाला
कोई हाथों से छीनकर खा जाता निवाला
क्या होगा यहां उन मासूम पंख परिंदो का
आज कल बस्तियो में खूब होता है घोटाला