मेरे दिल कि आवाज…..!

April 8, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

लिखने का हुनर हमने कहीं से नहीं सिखा,
जब दिल का दर्द हद से ज्यादा बढऩे लगा,
तब जज्बातों को समझने वाला कोई ऩ रहा…।

तो उठाई कलम औऱ हाल सारा इसे सुना दिया,
जब हर वो शख्स हमसे नफरत करने लगा,
जो कभी हम पर जां निसार करता था,
जब हर वो शख्स हमसे जलने लगा,
जो सिर्फ हमारी खुशी के लिए जीता था…।

जब पल भऱ में बदलता देखा हमने इन्सान को,
जब जिंदगी के मसले हमें कुछ समझ न आने लगे,
मतलबी जब हमें सारा जमाना दिखने लगा,
तो उठाई कलम औऱ हाल सारा इसे सुना दिया….॥

By :- #भूपेन