Kisan ka samman khalistani beiman

February 13, 2021 in Poetry on Picture Contest

तुम खालिस्तानी हो या पाकिस्तानी
उतारा सेना को तो पड़ जाएगी भारी
सब्र ठहरा है इम्तिहान मत लेना
खून बहे तो फिर किसान आंदोलन मत कहना

पुलिस की जान को क्या तुमने समान समझा है
तलवार से खेल रहे हो क्या इकलौता औजार समझा है
उठानी अगर बंदूक पड़ गयी
तो हमने भी जमीं नहीं शमशान समझा है

किसानों को नमन करो
खालिस्तानी का दमन करो