मोहन सिंह मानुष
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - "बीत गया जो साल पुराना दुख देकर या सुख देकर। मंगलमय हो बीस सौ एकीश आपको गुणित हो दोवर तेवर"View
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Rishi Kumar - "कविता- माखन ———————— नटखट लाला नयनो के तारा, छोड़ दे तू सब काम निराला| मैं सह लूंगी बात तुम्हारी, आए शिकायत रोज तुम्हारी| सुन सुन के मै हार गयी हू, गगरी फोरा सब की सारी, […]"View
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An Ordinary Artist - "तेरी ख़ूबसूरती को देख चाँद भी ख़ुद से रूठा है ख़ुद को देखना है तो मेरी आँखो में देख, वो आइना तो झूठा है #dedicated to my love"View
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विकास कुमार - "@astrology दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त, अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।"View
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Mrunal ghate - "एक उधम सी मच जाती है दिल भी होता है भारी भारी लेकिन किसीको कानोकान खबर नहीं होती, जब मुझे कविता हो जाती है जरासी व्यस्त रहती हूं दिल से परास्त रहती हूं तभी दिल के चौखट पर आती है दस्तक बौखलासी […]"View
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