कभी आंखो से तुम …

April 12, 2016 in शेर-ओ-शायरी

kuldeep 1

तिरंगा

April 12, 2016 in शेर-ओ-शायरी

मेरे लब पर तेरे लब पर सब के लब पर गंगा है,
जो भारत का वासी केवल उसकी जान तिरंगा है

(कुलदीप विद्यार्थी)

जब कलम की जरुरत थी उठाई, आज तिरंगे की जरुरत पड़ी उठा लिया, बाकी ये देश के गद्दार समझ जाए पीछे कभी हटने की सोची नहीं हैं

दीया हूँ मैं तू ज्योति बनकर जलने की कोशिश कर

March 29, 2016 in शेर-ओ-शायरी

न जा तू दूर थोडा पास आ मिलने की कोशिश कर,
जरा हँसकर के मेरे साथ तू चलने की कोशिश कर,
काश बदल जाए इरादा जो अभी तक था तेरे दिल में,
दीया हूँ मैं तू ज्योति बनकर जलने की कोशिश कर।

कुलदीप विद्यार्थी

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