vikash kumar
-
vikash kumar wrote a new post, ITNA ACHACHA YA BURA NAHI HOON 1 week, 4 days ago
इतना अच्छा या बुरा नहीं हूँ,
जितना कि दुनिया कहती है ।
मैं कैसा हूँ, ये सिर्फ व सिर्फ मैं जानता हूँ ।।
———————————————–
मैं खूद के सवालों के कठघड़े में सदा खड़ा रहता […] -
vikash kumar wrote a new post, PRAKRITI KI SHOBHA … 1 week, 4 days ago
प्रकृति की शोभा से बढ़के कोई शोभा न होता
रब तेरे जैसा यार जहां में कोई ना होता ।।
————————————————–
हरिश्चन्द्र की शोभा, तु सत्य बनके आया
राम बनके तुमने, सुग्रीव को […] -
vikash kumar wrote a new post, MERA KUCH BHI NAHI HAIN 1 week, 4 days ago
मेरा कुछ भी नहीं है, मुझमें राम
सब-कुछ तेरा ही तेरा है राम
बस देना साथ हमें सदा राम
हम हैं तुम्हारे, तुम हो हमारे राम ।।1।।
———————————————
एक तेरा ही रूप फैला है कण- […] -
vikash kumar commented on the post, प्रेम 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, यादें 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki.
-
vikash kumar commented on the post, जज़्बात 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, नैराश्य 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, अभिलाषा 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, लड़कियाँ 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, सुख दुःख 2 weeks, 6 days ago
Kavi it’s mean god. But all the world are god.
Jay ram jee ki . -
vikash kumar commented on the post, दोहरा चरित्र 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, रिक्तता 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, वचन 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar commented on the post, आलिंगन 2 weeks, 6 days ago
Jay ram jee ki
-
vikash kumar wrote a new post, हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन 4 weeks ago
संगीत सहित
हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन
काटो भव-बंधन मेरे
हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन
काटो भव-बंधन मेरे
राम तुम्हीं हो भव-भय हरन वाले — 2 बार गायें
काटो भव-बंधन मेरे
———- […] -
vikash kumar wrote a new post, मेरी भक्ति-भजन को यदि तुम पढ़ोगे 4 weeks ago
मेरी भक्ति-भजन को यदि तुम पढ़ोगे
तब जाके कहीं तुम मुझे समझोगे
मेरी भक्ति-भजन को यदि तुम पढ़ोगे
तब जाके कहीं तुम मुझे समझोगे
——————————————–
मेरी भक्ति-भजन को यदि तुम पढ़ोगे […] -
vikash kumar wrote a new post, प्रभु राम देना साथ हमारा 4 weeks ago
प्रभु राम देना साथ हमारा
हम किस मुख कहे कि, हम हैं दास तुम्हारा
प्रभु राम देना साथ हमारा
हम किस मुख कहे कि, हम हैं दास तुम्हारा
———————————————–
प्रभु राम देना साथ हमारा
हम क […] -
vikash kumar wrote a new post, जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर 4 weeks ago
जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर
वह भजन हैं तेरे लिए अमृत तुल(तुल्य) (2 बार गाये)
————————————————————————–
जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहत […] -
vikash kumar wrote a new post, जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं 4 weeks ago
संगीत सहित
जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं
उनकी काया विकृतियों से दूर है
जिसके हृदय में पूर्ण राम बसते हैं
उनकी काया विकृतियों से दूर है
—————————————
जिसके हृ […] -
vikash kumar wrote a new post, राम, राम, राम तु रटते जा 4 weeks ago
राम, राम, राम तु रटते जा
मन से मन की विकार तु हटाये जा
राम से ही जन्मों का पाप धुलता
राम से ही राम मिलता
राम, राम, राम तु रटते जा
मन से मन की विकार तु हटाये जा ।।1।।
———————- […] - Load More
बहुत ख़ूब
मैं खूद के सवालों के कठघड़े में सदा खड़ा रहता हूँ
औरों की नजरों में, मैं क्या हूँ, ये औरों का सवाल है,
मेरा नहीं, मैं क्या हूँ, ये सिर्फ व सिर्फ मैं जानता हूँ ।।
—- आदर्शात्मक स्थिति की बहुत सुंदर काव्य रचना। सुन्दर युवा सोच।
वाह वाह क्या बात है