मेरे देश के किसान, तू अब जाग,
कर हिम्मत, ना तू अब ऐसे मर,
तेरी मेहनत एक दिन रंग लाएगी,
तू अब ऐसे ना डर,
कर दो देश को अब तू खबर,
जी रहे हैं हम सब तेरा ही अन्न खाकर,
तुझ पर ही है देश टिका, यह नहीं तुझे खबर,
कर हिम्मत ना तू अब ऐसे डर,
नए ढंग से तू अब खेती कर,
जानकारी नई ले कर तू अब खेती कर,
तू नहीं, तो देश का क्या होगा ! यह सोचकर तू डर,
उपज बढ़ाकर कर दो देश का उद्धार |