दर्द कागज़ पैर यूँ ही बिका नहीं करते
इश्क़-ऐ-गम अक्सर दिल मैं छुपा नहीं करते
होना परत है फनाह भी इस चाहत मैं साहिब
जो डरते है इस से वो मोहोब्बत करा नहीं करते……………..!! (d k)
दर्द कागज़ पैर यूँ ही बिका नहीं करते
इश्क़-ऐ-गम अक्सर दिल मैं छुपा नहीं करते
होना परत है फनाह भी इस चाहत मैं साहिब
जो डरते है इस से वो मोहोब्बत करा नहीं करते……………..!! (d k)