होली भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है| इसकी लोकप्रियता का कारण इससे जुड़े हास-परिहास से है, साथ में रंगो की अनिवार्यता इसे और भी अधिक आकर्षक बनाती है| आपके इस प्रिय त्योहार को और भी अधिक मनोरंजक बनाने के लिये सावन लाया है, काव्य प्रतियोगिता|
कविता भेजने की आखिरी तारीख: 7 मार्च (सन्ध्या 6 बजे)
कविता का विषय : होली
पुरस्कार :
प्रथम पुरस्कार : ₹ 500 – Nikhil Agrawal
द्वितीय पुरस्कार : ₹ 300 – Poonam Agrawal
तृतीय पुरस्कार : ₹ 200 – Pragya Shukla
नोट : पुरस्कार राशि पैटीएम के द्वारा भेजी जायेगी|
नियम
– कविता आपकी अपनी लिखी हुई होनी चाहिए तथा कहीं भी प्रकाशित नहीं होनी चाहिए, तथा कविता प्रतियोगिता के विषय से संबधित होनी चाहिए|
– 7 मार्च (सन्ध्या 6 बजे) तक की रचनाओं को प्रतियोगिता के अन्तर्गत स्वीकार किया जाएगा|
– कविता में कम से कम १०० शब्द होने चाहिये तथा कविता की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिये| ऐसा न होने पर कविता को प्रतियोगिता के अन्तर्गत स्वीकार नहीं किया जायेगा|
– कविता हिंदी या अंग्रेजी में हो सकती है| यदि आप किसी अन्य भाषा में कविता लिखना चाहते है तो आपको उसका हिंदी या अंग्रेजी अनुवाद भी कविता के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य है|
– एक कवि द्वारा एक ही कविता को इस प्रतियोगिता के अन्दर स्वीकार किया जायेगा| एक से अधिक कविताये होने पर अधिक कमैंट्स वाली कविता को ही प्रतियोगिता के अन्दर मान्य होगी|
– प्रतियोगिता का परिणाम 10 मार्च (सन्ध्या 8 बजे) को घोषित किया जायेगा|
– प्रतियोगिता का विजेता का फैसला कविता को मिले कमैंट (Comments) के आधार पर किया जाएगा| अर्थात, जिस कविता पर सबसे ज्यादा कमैंट होगें, उस कविता का कवि विजेता होगा|
– कमैंट 7 मार्च (सन्ध्या 6 बजे) से 10 मार्च (सन्ध्या 6 बजे) तक गिने जायेंगे| इस अवधी से पहले या बाद के कमैंट को शामिल नहीं किया जायेगा| इसके अलावा उस कविता के कवि के कमैंट को भी इस प्रतियोगिता के अन्दर नहीं गिना जायेगा| क़ृपया ध्यान रखें कि एक व्यक्ति के द्वारा एक ही कमेंट मान्य होगा|
– इसी बीच आप अपनी कविता को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचा कर कमैंट प्राप्त कर सकते हैं|
कविता भेजने का तरीका
– रजिस्टर करने के बाद, आपको सावन की साइट के मैनू में ‘Write a Poem‘ पर क्लिक करना होगा ताकि कविता लिखने वाला पेज खुल सके| वहां आपको पूछी गई कविता की जानकारी तथा कविता डालनी होगी, तथा कविता की कैटेगरी में ‘काव्य प्रतियोगिता’ को चुने|
नोट
– वोट की प्रमाणिकता बनाये रखने के लिए वोटर को सावन पर लागिन करना अनिवार्य रखा गया है|
– उपरोक्त समय सीमायें भारत के मानक समय के अनुसार मानी जायेंगी|
– यदि प्रतियोगिता के बारे में कोई समस्या या संदेह है, तो हमें नीचे कमैंट कर के बतायें|
– हर प्रतिभागी को स्पष्ट रूप से सभी नियमों का पालन करना होगा और प्रतिस्पर्धा के संबंध में सावन का निर्णय अन्तिम माना जाएगा|
* सच *
अब तो
बाज़ारों में
बेचारी सच्चाई
सिसकियाँ भरती हैं
कोई भी
ख़रीददार नहीं उनका
जो भी आता है
बेईमानी , मक्कारी
ख़रीद कर ले जाता है
हां , कभी कभार
भूला भटका
कोई जिस्म
आ जाता है
‘ सच ‘ ख़रीदने
न तन पर
पूरे कपडे़
कमबख़्त पेट भी
पीठ से चिपकी हुई
फ़िर भी
ख़रीदने आ जाते हैं सच
चंद ऐसे ही
लोगों से
सच्चाई की झोपड़ी में
सब्र ओ सुक़ून की
अंगिठियां जलती हैं
तभी तो
वो आज भी
बापू ( गांधी ) के
इस देश में
ज़िंदा है… ! ! !
– कुन्दन श्रीवास्तव
रियलिटी✍
Kaon jeeta?
मेरे बापू गांधीजी
दयावान मृदु भाषी बापू का स्वभाव था
सत्य अहिंसा मेरे बापू का हथियार था
राष्ट्रवादी शांतिप्रिय बापू का उपदेश था
हिंदुस्तान के मर्यादा का बापू को ज्ञान था
गर्व था देशवासियों को बापू के हुंकार पर
ऐंनक पहने लाठी लेकर देश को आजाद किया
खट् खट् की आवाज में बापू का प्यारा संदेश था
चरखे के बल पर बापू ने रचा स्वर्णीम इतिहास था
गोरों को औकात दिखाया उनके ही चालो में
राष्ट्रहित में ध्वजा फहराकर देश का मान बढ़ाया
बापू के पीछे पीछे हिन्द सेना जब चलती थी
गोरों कि फौज डरें सहमे छिपते फिरती थी
गोरों के अत्याचारों से गली मोहल्ला थर्राया था
बापू ने अपने आंदोलन से गोरों को पस्त किया था
गोरे शैतानों को उनके भाषा में सबक सिखाया
बापू के चरणों का मैं शीश झुका वन्दन करता हूं
महेश गुप्ता जौनपुरी
वाह वाह
आदरणीय श्री पोस्ट पर जाकर कमेंट करें
बहुत खूब
जय हो
👌👌👌👌
बेहद वास्तविक रचना और सुंदर रचना
Nice
बड़े अफसोस की बात है कि मेरा आईडी लाग इन नहीं हो रहा था इसलिए मैं प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सका आदरणीय संस्थापक जी से मैं निवेदन भी किया था लेकिन किसी कारण वस समय पर मेरे प्राब्लम को दुर ना कर सके अभी लाग इन काफी मसक्कत के बाद कर सका वापस से मैं सावन से जुड़ रहा हूं ।