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teri yado ke sahare

कब तक जिए हम तेरी यादों के सहारे,
तेरे बिना नींद भी आती नहीं यादों के सहारे,
तेरे बिना जीना नहीं ये माना था मैंने,
पर तेरे बिना पड़ेगा जीना ये न जाना था मैंने,
तेरे ख्वाबों को सजा कर एक-एक पल संजोए थे मैंने ,
पर सब बिखर कर रह गए वह सपने हमारे ,
अब पड़ेगा जीना तुझ बिन हमारी निशानी के लिए ,
देना पड़ेगा हम दोनों का प्यार उन्हें जीने के लिए,
तिल तिल जोड़कर जिंदगी भर लगाया आपने ,
खुशियों की तमन्ना जीवन भर जो संजोया आपने,
पूरा हो ना सका वह ख्वाब ये जाना हमने,
वह सारे ख्वाब करेंगे पूरा ये लाल हमारे ,
मिलेगी खुशियां ये देखकर जन्नत से तुम्हें |

फुलवामा शहीदो की पत्नियो की व्यथा

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