किसान का दर्द
ऊपर वाले ने कहर बरसाया है एक बूंद धरा पर न आया है धरती पर देखो आई दरार चारों ओर मचा हाहाकार कर्ज तले दबे…
ऊपर वाले ने कहर बरसाया है एक बूंद धरा पर न आया है धरती पर देखो आई दरार चारों ओर मचा हाहाकार कर्ज तले दबे…
(जब किसी परिवार का एक बेटा शहीद हो जाता है और चंद सालों बाद सारी दुनिया उसके परिवार के दुखों को भुला देती है, उस…
Ghar ghar chitthi aaj Saputo ne bheji h Ghr me cuha mare Sarhad pr saheedi h Ankhe tak tak jgti h Kya diwali kya eidi…
कितने भी जुल्म तुम कर लो, बांध दो कितनी ही जंजीरो से मिटा देंगे तेरी हस्ती पल भर में जब छूटेंगे हम तीरों से
भारत माँ के प्यारे वीरो मेरा आप सबको प्रणाम है जो हो गए शहीद, देश की खातिर वीर तुम्हे सलाम है घर छोड़ा ,संग छोड़ी…
कब तक जिए हम तेरी यादों के सहारे तेरे बिना नींद भी आती नहीं यादों के सहारे तेरे बिना जीना नहीं ये माना था मैंने…
कब तक जिए हम तेरी यादों के सहार तेरे बिना नींद भी आती नहीं यादों के सहारे तेरे बिना जीना नहीं ये माना था मैंने…
कब तक जिए हम तेरी यादों के सहारे, तेरे बिना नींद भी आती नहीं यादों के सहारे, तेरे बिना जीना नहीं ये माना था मैंने,…
छोड़कर मुझे तुम इतनी जल्दी क्यों चले गए , अभी तो सुख के पल आए ही थे अभी ही चले गए , जाने किसकी बुरी…
अदम्य साहस की पहचान, भारत के ये वीर जवान , मातृभूमि की रक्षा के लिए, जान हथेली पर रखकर, ये कर देते जीवन कुर्बान, ये…
अदम्य साहस की पहचान, भारत के ये वीर जवान , मातृभूमि की रक्षा के लिए, जान हथेली पर रखकर, ये कर देते जीवन कुर्बान, ये…
लकड़बग्घे से नहीं अपेक्षित प्रेम प्यार की भीख, किसी मीन से कब लेते हो तुम अम्बर की सीख? लाल मिर्च खाये तोता फिर भी जपता…
वीर थे अधीर थे सरहद के जलते नीर थे, इस देश के लिए बने तर्कश के मानो तीर थे, भगतसिंह राज गुरु सहदेव ऐसे धीर…
नमन आज़ादी के परवानों का। वंदन क्रांति वीर जवानों का।। भगत, सुखदेव क्रांति वीरों के, इंक़लाब का डंका बजता था। ‘तिलक’ के विचारों का तिलक,…
अभियान नवगीत ” ———————— बांधे सर पे मस्त पगड़िया राह कठिन हो,चलना साथी दुराचार ख़तम करने अब उतार चलो काँधे की गाँती आन ,बान और…
Dear All, This is in reply to Saavan team’s request to share the ways I used for promotions of my poem for Martyr’s Day Contest. …
Dear Saavan Team, I wanted to take a moment to extend my most sincere thanks for choosing my poem first in martyr contest. I received…
लगे मैले हर साल, मालायें भी पहनायी फूलों की पथरायी मूर्तियों को कई बार मगर पत्थर की मूरत कभी मुस्कुराई नहीं कभी एक भी बार…
कैद अपने ही घरों में हमारी आजादी रही थी, सूनी परिचय के बिन जैसे कोई कहानी रही थी, आसमाँ खाली रहा हो परिंदों की मौजूदगी…
कुछ मेरी औकात नहीं , कि तुझ पर कलाम चलाऊं मैं कुर्बानी तेरी करे बयां , वो शब्द कहाँ से लाऊं मैं नाम तेरा लेने…
“एक ये भी होली है एक वो भी होली थी जो शहीदों ने खेली थी, देश को आज़ाद कराने की ख़ातिर…मेरी कविता 23 मार्च पर…
। भगत सिंह और राजगुरु के संघर्षों बलिदानों की, ये धरती है वीर बहादुर चौड़ी छाती वालों की, ब्रिटिश राज को धूमिल कर मिट्टी में…
वो माटी के लाल हमारे, जिनके फौलादी सीने थे, अडिग इरादो ने जिनके, आजादी के सपने बूने थे, हाहाकार करती मानवता, जूल्मो-सितम से आतंकित थी…
हुए बहुत लोग शहीद मेरे देश को बचाने को, पर उन “शहीदों” की “शहीदी” आज खुद शहीद सी लगती है। देश में हो रहे हंगामो…
अंग्रेज रूपी कंश हेतु वह तो कृष्ण कलेवर था , करतूश को भोजन माना फंशी को जेवर था , वतन के लिये डर न पाया…
जब जब भारत के इतिहास के पन्ने पलटे जायेंगे, भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु के नाम भी लिए जायेंगे ! ये वो हैं जिन्होंने अंग्रेजों की ईंट से…
जब जब भारत के इतिहास के पन्ने पलटे जायेंगे, भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु के नाम भी लिए जायेंगे ! ये वो हैं जिन्होंने अंग्रेजों की ईंट से…
भगत सिंह, शिव राज गुरु, सुखदेव सभी बलिदान हुए, इस धरती माँ की खातिर कितने ही अमर नाम हुए, ब्रिटिश राज की साख मिटाने को…
“एक ये भी होली है एक वो भी होली थी जो शहीदों ने खेली थी, देश को आज़ाद कराने की ख़ातिर…मेरी कविता 23 मार्च पर…
वज़न उठता नहीं तुमसे दो मण भी कहां गई शक्ति तुम्हारे यौवन की और कहां है अभिव्यक्ति तुम्हारे मन की। चलो ये वज़न तो…
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