You can follow me on my blog https://about.me/niteshkc Nitesh Chaurasia 7 years ago तुम्हारी याद में खोकर बहकना खूब आता है , हकीकत में मुझे फिर भी संभलना खूब आता है ! तुम्हारी जान इस पानी के जिस मछली में बसती है , उसी मछली के जैसे अब मचलना खूब आता है !!