Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
बारिश
बारिश से कहो यूं न आया करे मुझे तेरा उनके बगैर आना अच्छा नहीं लगता तूने आने से पहले दस्तक तो दी थी सर्द मौसम…
बगिया अधूरी है
जमाना अब तो बदला है कहाँ अब कोई दूरी है बेटा और बेटी- दोनों का, होना जरूरी है बिना इनके ना जिन्दगी, ना जिन्दगी हाँ…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
ग़ैरों की बस्ती में , अपना भी एक घर होता
ग़ैरों की बस्ती में , अपना भी एक घर होता.. अपने आप चल पड़ते कदम य़ु तन्हा ना य़े सफर होता…. वक्त बिताने को आवाज देती दीवारे साथ छुटने का ना कोई…
वाह बहुत सुंदर